वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भारत के इतिहास के सबसे लम्बे बजट भाषण में कई रोचक बातें नजर आईं। उन्होंने ठीक 11 बजे अध्यक्ष ओम बिरला के पुकारने पर हाथ जोड़कर भाषण शुरू किया और कहा- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करने जा रही हूं। ठीक 11 बजकर एक मिनट पर उन्होंने बजट भाषण शुरू किया और फिर लगातार दो घंटे 41 मिनट तक बोलती रहीं।
जटिल बजट के बीच कुछ रोचक पल भी देखने को मिले
- जेएनयू से पढ़ाई करने वाली सीतारमण ने बजट समझाने के लिए चार भाषाएं प्रयोग की। पूरा भाषण उन्होंने अंग्रेजी में पढ़ा, कविता और दोहा समझाने के लिए कश्मीरी, हिंदी और तमिल भाषा प्रयोग की।
- बजट के पहले हिस्से में उन्होंने कश्मीर के कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पंडित दीनानाथ कौल की लिखी कविता से देश का गुणगान किया। पहले उन्होंने थोड़ा अटक कर कश्मीरी में कविता पढ़ी और फिर उसका हिंदी अनुवाद सुनाया। जो कुछ इस तरह था - हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।'